मीडिया में बाजार बाद

आज मेरा दिल खुश हो गया क्लास में मजा आ गया कितना अच्छा क्लास था......आपको लग रहा होगा कि में क्या बोल रहा हु.......आज शुक्रवार है और आज का मुद्दा था ........कार्पोरेट मीडिया,सरोकार और भारतीय जन......आज हम लोगो से साथ थे कई पुस्तको से लेखक राम शरण जोशी  इन्होने पत्रकारिता की बहुत सारी पुस्तक लिखी है.....और हमारे साथ थे देश के जाने माने पत्रकार अनामी शरण ब्बल.......पुरे क्लास में सबसे खुशी की बात यह थी की हमलोगो के साथ हमारे पीएचडी के भैया और एम फील के भैया लोग थे जिन्होने कार्पोरेट के साथ मीडिया को हमलोगो के सामने रखने का प्रयास किया.....क्लास की शुरुआत राम शरण जोशी से हुई इन्होने कार्पोरेट को बहुत अच्छे से समझाया और इस लिए भी समझया की बाजार बाद पर इनकी किताब भी बाजार में आ चुकी है इन्होने कहा की पहले छोटे छोटे लोग पेपर निकालते थे 1991के बाद देश में एक बहुत बड़ा बदलाब हुआ और सारी बड़ी कंपनीया एक साथ मिल गई और एक बड़ा पेपर निकालने लगी तो इस तरह से कार्पोरेट का विकाश हुया भारत में......कुछ बच्चो ने कार्पोरेट को पेपर के साथ देखा तो किसी नें इसे पेपर के लिए बुरा दिन कहा.....हम एक पीएचडी बाले भैया से सहमत है उन्होनो कहा की अगर बिजनस मैन को अगर बिजनस करना ही है तो वह किसी और क्षैत्र में मीडिया में करने की क्य जरुरत है उनके लिये सारे दरबाजे खोल दिये गये है मगर बै मीडिया में आ कर अपनी गलती को छुपाना चाहते है कही न कही वे अपना पैसा बचाते नजर आते है......एक दिदी नें कहा की खबर की जितनी जरुरत है उतनी ही जरुरत है प्रचार की अगर प्रचार नही रहे तो हम खबर नही पढ सकते क्योकी अब एसा जमाना आ गया है की जिस जगह की एड रहती है उस जगह की खबर डाला जाता है ताकी लोग उस समाचार के साथ उस एड को भी देखे और उस समान को खरीद सके...... तो इस तरह से हमनें देखा की किस तरह से पैसा भारी पड़ रहा है मीडिया पर और इसका सिधा प्रहार आम जनता को पड़ता है.......यह विचार का विषय है आप भी अपना विचार रख सकते है ........................

ratnasen

मै भारत देश का एक जिम्मेदार नागरिक हूं. तमाम जिम्मेदारी को समझने की कोशिश कर रहा हूं. देश की सेवा के लिए पहले परिवार फिर समाज की सेवा करना चाहता हूं. इसी कड़ी में लगातार आगे बढ़ रहा हूं. बुद्ध को अपना आदर्श मानता हूं

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