बिदाई समारोह

महात्मा गांधी अतंरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविश्वविधालय से संचार एंव मीडिया अध्ययन केंद्र के वरिय प्रोफेशर आज हमलोगो से विदा हो गये उनका सेबा खत्म हो गया और वह हमलोगो के बिच से चले गये.....अब हमे लोगो के बिच अतिथि के रुप में हमलोगो के साथ होगे......इनके बारे में कहना हमारे लिेए मुश्किल हो रहा है हमारे पास शब्द नही है की मै इनकी बिदाई किन शब्दो से करु....सबसे पहले तो बता दु की बह पिछले २५ वर्षो तक पत्रकारिता करते रहे देश ही नही विदेश की रिपोटीग की है इन्होने अपने जीवन काल में बहुत सारी पुस्तक लिखा है जो की सब पत्रकारिता से प्रभावित है आप इनकी पुस्तको से आपातकाल की जानकारी ले सकते है कारगिल युद्ध की जानकारी ले सकते है इनकी पुस्तक से देश में मीडिया कैसे बाजार बाद की तरह काम कर रहा है आपको दिख जायेगा  इनती पुस्तक मीडिया विर्मश में आपको बहुत कुछ देखने को मील जायेगा की किस तरह से भारत में पत्रकारिता की जड़ मजबुत हुई और किस तरह से मीडिया नें अपना बजुद खोया है यह पुस्तक बहुत माइने में महत्बपूर्ण है यह शोर्धाथी के लिए तो ज्यादा मह्त्वपूर्ण  है

ratnasen

मै भारत देश का एक जिम्मेदार नागरिक हूं. तमाम जिम्मेदारी को समझने की कोशिश कर रहा हूं. देश की सेवा के लिए पहले परिवार फिर समाज की सेवा करना चाहता हूं. इसी कड़ी में लगातार आगे बढ़ रहा हूं. बुद्ध को अपना आदर्श मानता हूं

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