बेरोजगारी

आज घुमते घुमते 20 दिन हो गया है....सुबह से शाम हो जाते है पर कही कोई नौकरी नहीं मिलता...उस समय तो बड़े बड़े अक्षरों में कहा गया था कि यह कोर्स कर लो फिर तो नौकरी पक्की है...यहां आने के बाद पता चला की उस कोर्स के बाद कुछ और ही चाहिए होता है...तब जाकर आपको नौकरी मिलेगी यह तो हाल है प्राईवेट नौकरी पाने का सरकारी के लिए न जाने कितने पेपड़ बेलने होगे...किशन आज बीस दिन से दिल्ली अपने राजधानी में नौकरी के लिए भटक रहा था सब यही कह रहे थे कि इससे पहले कहा काम किये है...वह कह रहा है सर अभी पढ़ाई खत्म हुआ है..हम जॉव के लिए आए है...ठीक है तीन दिन बाद आना तुम्हारा इंटरव्यू हो जाएगा उसके बाद हम देखते है क्या कर सकते है। यही सवाल सुनते हुए और वही जबाव देते हुए उसका दिल्ली में 25 दिन बीत गया पर किसी भी मीडिया संस्थान में कोई काम के लिए नहीं बोला...मध्यम परिवार से होने के कारण लंबे समय तक दिल्ली में रह भी नहीं सकता था...दिल्ली में कोई किसी को बहुत दिनो तक रख भी नहीं सकता...वहा रहने के लिए समय और खाने के लिए भोजन भी बड़ी मुश्किल से लोगो को मिलता है तो वह कैसे किसी को अपने पास रखे और खिलाए.... खैर एक महिने तक भटकने के बाद वह लौट कर अपने शहर में आ गया उसका शहर एक छोटा सा शहर था वह अपने गांव से पहला लड़का था जो पत्रकार बनने की इच्छा रखता था..लोगो की इससे आशा भी थी की वह एक दिन अच्छा इंसान होना..गांव में लोग इसे बड़े प्रेम और आदर के साथ उसे बुलाते थे...गांव के लोगो को लगता था कि वह आने वाले दिनो में कुछ कर लेगा.. आज जब वह कुछ करने के लिए बड़े शहर में गया तो उसे वहा के लोगो नें उसकी बात एक न सुनी और उसे भगा दिया....कुछ दिनो के बाद उसे एक लोकल चैनल में जॉव मिल गया और यहां से उसकी जीवन की पहली लड़ाई शुरु हुई...और उसे अपने समाज अपने परिवार के लोगो की इच्छा इसी जॉव से दिखने लगी और वह बड़ी ही लगन के साथ काम करना शुरु कर दिया...अपनी मेहनत और अंदरुनी लड़ाई से अपने आप को दूर रखते हुए...फिर से बड़े शहर की ओर चल दिया...वहां इस बार उसे प्यार मिला मोहब्बत मिला लोगो नें उसका स्वागत किया...और एक लंबी सैलरी पर उसे ऱख लिए...और आज वह अपने गांव समाज के लिए काम कर रहा है...अब कोई उसके पास नौकरी मांगने के लिए आता है तो उससे पहले परीक्षा लेते है अगर वह यहां काम करने लायक होता है उसे काम पर जरूर रखा जाता है।

ratnasen

मै भारत देश का एक जिम्मेदार नागरिक हूं. तमाम जिम्मेदारी को समझने की कोशिश कर रहा हूं. देश की सेवा के लिए पहले परिवार फिर समाज की सेवा करना चाहता हूं. इसी कड़ी में लगातार आगे बढ़ रहा हूं. बुद्ध को अपना आदर्श मानता हूं

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