ये कैसी बिहार कि विकास यात्रा

कहते है किसी भी चिज के विकास में उसकी उपरी विकास को देखकर कहा जाता है कि इसमें कितना विकास हुआ है....अब देखिये न किसी भी राज्य के विकास का मापदंड देखना होता है तो हम सबसे पहले उसके वाहरी विकास की बात करते है। जैसे की इस राज्य कि सड़क कैसी है यहॉ की शहरें कैसी है शहरों में कितनी बड़ी-बड़ी इमारते है इस से उस राज्य के विकास कि बात करते है....कुछ ऐसा ही हमें दिखा बिहार में आज कल बहुत चर्चा में है बिहार कि नीतीस कुमार की सरकार नें यहा पर बहुत विकास किया है सभी जिलों से राजधानी को पक्की सड़को से जोड़ दिया गया है सरकार दावा करती है की हम किसी भी जिला से छ घंटे से राजधानी आ - जा सकते है तो सरकार अपने विकास में इस तरह की बात करती है....अभी कुछ दिनों पहले एक शादी में हमें जाना था वह भी बिहार के विकास पुरुष कहें जाने बाले पूर्व मुख्यमंत्री के गृह जिले में जाना था.....वह जगह ऐसा था की जहॉ पर किसी एक ही व्यक्ति की चलती है वह भी इस जिले में विधायक है और सरकार भी इनकी है.....देखिये न हम ऐसे में कैसे विकास की बात करते है जहॉ कि सड़के तो अच्छी है ही लोगो को आने जाने में कोई परेसानी है उस जिले में जैसी सड़क होनी चाहिए वैसी है ही गाड़ियॉ भी चलती है मगर किसी एक व्यक्ति का वह भी इस जिले के विधायक की है जिनके डर से पुरे जिले में किसी की नही चलती है अब ऐसे में हम किसी भी राज्य के विकास का माप करेगें तो क्या कहेंगे इसे की इस राज्य में कितना विकास हुआ है जहॉ पर उस जिले का कोई भी व्यक्ति अपने मन से किसी भी सवारी गाड़ी को नही चला सकता है। इतना ही नही वह अपनी मर्जी कि सीट पर भी नही बैठ सकता है। ऐसे में हम कहते है कि हम विकास कर रहे है यह कैसा विकास है...अगर विकास का मायने सड़क ही है इमारते ही है तो फिर अच्छा है वहॉ का बौधिक विकास भी कुछ कर लिया जाय ताकी इस तरह के जिले के जनता में एक उन्माद तो पैदा हो जाय वे अपने हक को तो जान ही सकते है वह अपनी मर्जी कि सीट पर तो जाकर बैठ ही सकते है हॉ मै मानता हुं कि हर कोई गाड़ी नही खरीद सकता मगर अपनी इच्छा कि गाड़ी पर बैठ तो सकता है न जिस जिले का विधायक ही वैसा है उस जिले में वहॉ कि जनता उनसे न्याय कि क्या उम्मीद रखेगी की हमारे पालनहार सही निर्णय कर पायेगे या फिर हमारे वोटो के साथ सही न्याय होगा....हम अपने मुख्यमंत्री से ये निवेदन करते है कि इस तरह के तानाशाही से हमें निजात दिलाये।
हम जिस सवारी गाड़ी पर चढे उस पर हमारे साथ कई बुढे लोग भी चढें उनलोगों से हमारी बात-चित होने लगी तो पता चला कि यह सब छोटो सरकार का है उसके बाद उन्होने बताया कि आपको कभी भी उतरना पड़ सकता है। उस विधायक ने एक पौलिसी अपनायी है की महिलाओं को नीचे सीट दे रखा है जिससें कि आधी आवादी उसकी हो जाती है हमें लगता है यह एक बहुत बड़ा कारण रहता है राज करने का (फुट करों और राज करों) की निती अपना कर ये आज राज कर रहें है। 

ratnasen

मै भारत देश का एक जिम्मेदार नागरिक हूं. तमाम जिम्मेदारी को समझने की कोशिश कर रहा हूं. देश की सेवा के लिए पहले परिवार फिर समाज की सेवा करना चाहता हूं. इसी कड़ी में लगातार आगे बढ़ रहा हूं. बुद्ध को अपना आदर्श मानता हूं

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