आज अरसे बाद लिख रहा हुं कुछ लिखने का मन कर रहा है। लिखु भी क्यो नही मीडिया का छात्र जो हुं कल क्लास में बैठा था हम अकेले नही थे साथ में क्लास मेट भी थे बात करते करते बहस छिड़ गई बहस का मुद्दा था दिल्ली की राजनीति हमलोग करीब 15 की संख्या में थे इसमें से 10 नें मोदी की कार्यप्रणाली पर रोस व्यक्त किया और कहा की मोदी की आज की राजनीति कुछ समझ में नही आ रही है वैसे भी दिल्ली की राजनीति में केजरीवाल का अपना ही जलवा है आप भी देख ले हम से सुन कर बातों को न मानें।
दिल्ली की राजनीति को आप अगर ध्यान से देखेगे तो पाएगे की दिल्ली की राजनीति में पुरी केंद्र की सरकार आकर अपना चुनाव प्रचार कर रही है।
आप कितना सहमत है की किसी भी देश का प्रधानमंत्री अगर अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार कर रहा है तो कितन सही है क्या आपको नही लगता है की वह हमारे देश के धन का दुरुपयोग कर रहे है। अगर देश की राजनीति को एक नयी दिशा देनी है तो हमें एक नये सोंच के साथ हमें एक नयी परीपाटी की शुरुआत करनी होगी जिससे की हम एक नई दुनिया की शुरुआत कर सकु।
अब हमें फिर से एक दुनिया की शुरुआत करनी होगी एक नई शदी के लिए एक नयी पहचान के लिए जिससे की हम अपने देश का नाम उपर कर सके और अपने आप को एक नई पहचान दे सके।
दिल्ली की राजनीति को आप अगर ध्यान से देखेगे तो पाएगे की दिल्ली की राजनीति में पुरी केंद्र की सरकार आकर अपना चुनाव प्रचार कर रही है।
आप कितना सहमत है की किसी भी देश का प्रधानमंत्री अगर अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार कर रहा है तो कितन सही है क्या आपको नही लगता है की वह हमारे देश के धन का दुरुपयोग कर रहे है। अगर देश की राजनीति को एक नयी दिशा देनी है तो हमें एक नये सोंच के साथ हमें एक नयी परीपाटी की शुरुआत करनी होगी जिससे की हम एक नई दुनिया की शुरुआत कर सकु।
अब हमें फिर से एक दुनिया की शुरुआत करनी होगी एक नई शदी के लिए एक नयी पहचान के लिए जिससे की हम अपने देश का नाम उपर कर सके और अपने आप को एक नई पहचान दे सके।